क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया के लिए बन रहा है खतरा -AI के गॉडफादर ने दी चैतावनी (2024)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जिसको हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमता के नाम से जानते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को जीवन के नए युग की शुरुआत की पहली सीढ़ी मान सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अक्सर हमारे बीच सुर्खियो में बना रहता हैं ,जो कभी जीवन के लिए उत्तमता मान लिया जाता है तो कभी -कभी जीवन के लिए खतरा।लेकिन इन बिवादो के बावजूद हममे से बहुत लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से परिचित नहीं होते हैं।

नमस्कार दोस्तों आज इस लेख के माध्यम से हम लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में जानने का प्रयास करेंगे। साथ ही साथ सुर्ख़ियो में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर क्या चैतावनी हैं,इसको भी जानेंगे। तो आपसे अनुरोध है की इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के गॉडफादर ने दी चैतावनी

हममे से ज्यादा से ज्यादा लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के गॉडफादर को नहीं जानते होंगे तो आइये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के गॉडफादर के बारे में जानते हैं और उनके द्वारा दी गयी चैतावनी को भी जानने और समझने का प्रयास करते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के गॉडफादर जेफ्री हिंटन हैं ,जो कुछ समय पहले ही Google से इस्तीफा दिया है। उनका कहना है वो Google जैसी बड़ी कंपनी को इस लिए छोड़ रहे है ताकि वो दुनिया के सामने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर खुलकर बात कर सके।

जेफ्री हिल्टन ने हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर कुछ ऐसी बातें कहीं हैं जिसने सबको हैरान कर दिया है। जेफ्री हिंटन ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर न्यूरल नेटवर्क की खोज की थी जिसके दम पर आज ChatGPT और Google Board जैसे शक्तिशाली Tools का अविष्कार किया गया।

जेफ्री हिल्टन ने कहा “मौजूदा समय में पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन (Climate Changing) का सामना कर रही है लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जलवायु परिवर्तन(Climate Changing) से भी ज्यादा खतरनाक है। यदि समय रहते इसकी सीमा तय नहीं की गई तो यह बड़ी मुसीबत बन सकता है

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को रोकने का नहीं है कोई उपाय

फ्री हिल्टन ने कहा की क्लाइमेट चेंज को रोकने के लिए तो कार्बन का इस्तेमाल न करने जैसे कुछ उपाय हैं लेकिन AI को रोने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें यह तय करना चाहिए कि इसका कैसे और कब उपयोग करना है। 

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या होता हैं ?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का विकास की यात्रा 20वी शताब्दी से चली आ रही हैं जो वर्तमान में आज नए युग के लिए मिल का पत्थर शाबित हो रहा हैं। हमारी पारम्परिक Technology से लेकर मशीन learning तक के सफर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने एक लम्बा सफर तय किया है जिसमे आज Innovation की नई नई सफलताएं देखी जा रही हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जिसको हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमता कहते हैं।अब अगर कृत्रिम बुद्धिमता को समझे तो यह एक कृत्रिम मशीन हैं इसका सरल और सहज अर्थ होगा ” मनुष्य जैसे सोचने और समझने क्षमता , तर्क करना, समस्या-समाधान, धारणा और भाषा इत्यादि की समझ और परख शामिल हैं”

जो हमारे कार्यों और चुनौतियों से निपटने के तरीके को नया आकार देती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के अंतगर्त मशीन लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क और डीप लर्निंग ये सिर्फ एक शब्द नहीं है। हमें यह जानना बेहद जरुरी है ये सभी नए युग के शुरुआत के लिए Game Changing हैं ,जिसमें विभिन्न उद्योगों (Industry) में क्रांति लाने की क्षमता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का अनुप्रयोग

आज वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का अलग अलग क्षेत्रों में उपयोग किया जा रहा हैं जिसमे प्रमुख क्षेत्र स्वास्थ का क्षेत्र हैं। जो मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता हैं।

  • स्वस्थ क्षेत्र
  • वित्तीय क्षेत्र
  • शिक्षा क्षेत्र
  • उत्पादन (Manufacturing) के क्षेत्र में

मशीन लर्निंग (Machine Learning) और डीप लर्निंग (Deep Learning) की भूमिका

मशीन लर्निंग ,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का ही एक भाग है,जो किसी Machine को प्राप्त Data के आधार पर सीखने और समय के साथ System के प्रदर्शन में सुधार और बदलाव करने के लिए सक्षम बनता हैं।

जबकी डीप लर्निंग (Deep Learning) की भूमिका मानव मस्तिक (मानव बुद्धिमता ) के सामन ही बड़े बड़े Data यानि सुचना को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)/ कृत्रिम बुद्धिमता के रूप में शामिल करना होता हैं। जिसमे मानव के तरह सोचना ,समझना तर्क करना और निर्णय देना इत्यादि शामिल होते हैं।

निष्कर्ष

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) निश्चित तौर पर नए युग की शुरुआत की पहली सीढ़ी के तरह हैं। लेकिन आज यह चर्चा का बिषय भी है। खैर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भविष्य के लिए कितना खरता पैदा करेगा यह भविष्य के गर्भ की बात हैं।

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