Aditya L1 मिशन (2024) -Aditya L1 से जुड़े महत्वपूर्ण तत्थ जिसको जान कर आप भी हो जायेंगे हैरान।

Aditya L1 मिशन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का अपना पहला सूर्य मिशन हैं। जैसा की Aditya L1 मिशन के नाम में ही Aditya जुड़ा है जो सूर्य का पर्यावाची हैं। इस मिशन का प्रक्षेपण PSLV-C57 रॉकेट के द्वारा 2 सितम्बर 2023 को किया गया था।

आज करीब 4 महीने के यात्रा के बाद Aditya L1 मिशन 6 जनवरी को शाम 4 बजे अपने Helo Orbital में प्रवेश कर सकता हैं। जो भारतीयों के लिए गौरवांतित दिन होगा।

नमस्कार दोस्तों , 2 सितम्बर 2023 से ही Aditya L1 मिशन भारतीय वैज्ञानिको के साथ-साथ अन्य देशो के वैज्ञानिको के लिए भी केंद्र बना हुआ हैं। आज इस पोस्ट के माध्यम से हम लोग Aditya L1 मिशन से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओ को जानेंगे।

Aditya L1 मिशन क्या हैं ?

Aditya L1 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का पहला सूर्य मिशन है,जो सूर्य -पृथ्वी कक्ष के Lagrange Point L1 पर स्थापित होगा। इस मिशन का उद्देश्य सौर कोरोना (Solar Corona), प्रकाशमंडल (Photosphere), क्रोमोस्फीयर (Chromosphere) और सौर पवन (Solar Wind) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना हैं।


Aditya L1 मिशन के मुख्य उद्देश्य में सूर्य के विकिरण(Radiation of Sun), ऊष्मा(Heat OF Sun), कण प्रवाह तथा चुंबकीय क्षेत्र सहित सूर्य के व्यवहार और वे पृथ्वी को कैसे प्रभावित करते हैं, इत्यादि के संबंध में गहरी समझ हासिल करना है।

इस मिशन का प्रक्षेपण PSLV-C57 रॉकेट के द्वारा 2 सितम्बर 2023 को एक विशेष उपकरण, Visible Emission Line Coronagraph (VELC) के साथ किया गया था। जो सूर्य की कोरोना के अल्ट्रावायलेट (पराबैगनी किरण) और विजिबल लाइट इमिशन(Visible light Emission) का अध्ययन करता है।

Lagrange Point (L1) क्या हैं ?

Gravitational Force between sun and Aditya L1 =Gravitational Force Between Earth and Aditya L1
Gravitational Force between sun and Aditya L1 =Gravitational Force Between Earth and Aditya L1

Lagrange Point का सिद्धांत सामान्यतः संतुलन के सिद्धांत पर कार्य करता हैं। आइये पहले संतुलन के सिद्धांत को समझते हैं आप कल्पना कीजिये कोई ऐसी काल्पनिक रेखा जो सूर्य और पृथ्वी को मिला रही हैं यदि इस काल्पनिक रेखा के बीच हम किसी वस्तु को रखते हैं तो निश्चित ही सूर्य के प्रवल गुरुत्वाकर्षण के कारण सूर्य के तरह आकर्षित होगा।

अब इसी वस्तु को सूर्य से दूर यानि पृथ्वी के तरफ लेकर आइये तो निश्चित ही पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण प्रबल होगा सूर्य की तुलना में अतः सूर्य और पृथ्वी को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा पर ऐसे बिन्दु की प्राप्ति होगी जहा पर सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्व बल आपस में बराबर होगा अर्थात उस उस बिन्दु पर कोई भी बल कार्यरत नहीं होगा। ऐसे बिन्दु को Lagrange Point कहते हैं।

हालाँकि पृथ्वी -सूर्य प्रणाली में अब तक 5 Lagrange Point जिसमे 2 स्थिर (L4 ,L5) तथा 3 अस्थिर (L1, L2 और L3) प्राप्त हैं। Lagrange Point (L1) से सूर्य की खुबशुरत दृश्य प्राप्त होता हैं और वर्तमान में यह Solar and Heliospheri Observatory Satellite (SOHO) स्थान घर हैं।

Aditya L1 मिशन में Lagrange Point (L1) का महत्त्व

Aditya L1 मिशन में Lagrange Point (L1) दो पहलुओ से काफी महत्वपूर्ण हो जाता हैं। जिसमे पहला ईंधन की बचत और दूसरा Lagrange Point (L1) की अपनी विशेष स्थिति।

पहले पहलु से देखा जाये तो Lagrange Point (L1) एक अस्थिर बिंदु होने के साथ साथ इस बिन्दु ( L1) पर स्थिर प्रत्येक वस्तु / Spacecraft या अन्य कोई भी यंत्र सदैव विरामावस्था में होगा। क्योकि इस बिन्दु L1 पर सूर्य और पृथ्वी का परिणामी बल शून्य होगा।

इसका तात्पर्य यह हुआ की Lagrange Point (L1) पर स्थित कोई भी यंत्र अपने इंजन को बिना चालू किये सूर्य के चारो तरफ चक्कर काटेगा जिससे ईंधन की बचत होगी।

जबकि दूसरे पहलु से देखा जाये तो Lagrange Point (L1) की स्थिति सूर्य और पृथ्वी के बीच में होने के साथ साथ यह बिन्द पृथ्वी के करीब हैं। अर्थात इस बिन्दु पर स्थित कोई भी यंत्र सदैव सूर्य और पृथ्वी के फोकस पर होगा जिसके परिणामस्वरूप सूर्य के कोरोना , वातावरण और उसके चुम्कीय क्षेत्र का अध्ययन काफी सहज और सरल होगा।

Aditya L1 मिशन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • Aditya L1 मिशन में उपयोग की गयी रॉकेट PSLV-C57 हैं।
  • Aditya L1 ,1.5 मिलियन किलोमीटर की दुरी से सूर्य का अध्यन करेगा।
  • Aditya L1 मिशन को Lagrange Point (L1) तक पहुंचने में लगभग 126 दिन लगे।
  • Lagrange Point (L1) एक अस्थिर बिन्दु हैं अर्थात यह बिन्दु समय के सापेक्ष सूर्य के चारो तरफ घूमेगा।
  • Aditya L1 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का अपना पहला सूर्य मिशन हैं जो सौर कोरोना (Solar Corona), प्रकाशमंडल (Photosphere), क्रोमोस्फीयर (Chromosphere) और सौर पवन (Solar Wind) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
  • Aditya L1 मिशन में Visible Emission Line Coronagraph (VELC), Solar Ultraviolet Imaging Telescope (SUIT) और Aditya Solar Wind Particle Experiment (ASPEX) शामिल हैं।
  • Aditya L1 मिशन 5 साल के मिशन पर लगातार सूर्य की निगरानी करेगा।
  • Aditya L1 मिशन Satish Dhawan Space Centre से Launch किया गया था।

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