What is Inertia in Hindi-परिभाषा, प्रकार और उदहारण

भौतिकी के अंतरगर्त बल की अभिधारणा में Inertia की भूमिका काफी अहम् होती हैं। भौतिकी में Inertia जिसका हिंदी रूपांतरण जड़त्व होता हैं, जो किसी पदार्थ के द्रव्यमान की माप होती हैं। “

नमस्कार दोस्तों आज इस लेख में हम सभी लोग What is Inertia in Hindi को जानेंगे साथ ही साथ Inertia से सम्बंधित परिभाषा, प्रकार और उदहारण को भी जानेंगे तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।

What is Inertia in Hindi

Inertia जिसको हिंदी में जड़त्व कहते हैं ,जो किसी पदार्थ के द्रव्यमान का मापक होता हैं। शब्दों को और सररलता से समझे तो “जड़त्व(Inertia) किसी पदार्थ का वह भौतिक गुण होता है जो अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करता हैं”

यहा अवस्था परिवर्तन को जानना बहुत जरुरी होता हैं ,किसी वस्तु या निकाय की कितनी अवस्थाये हो सकती हैं ? यह प्रश्न हमारे दिमाग में जरूर उठता होगा और कोई वस्तु या निकाय अपनी अवस्था को किस प्रकार परिवर्तित करता हैं ? अगर अपने अवस्था को परिवर्तित करता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होता हैं ? अगर जड़त्व को बेहतर तरीके से जानने के लिए इन सभी प्रश्नो का उत्तर हमे जानना होगा।

देखिये किसी वस्तु या निकाय की दो अवस्थाये संभव हैं जिसको गतिकी (गति अवस्था) और विरामावस्था कहते हैं। अर्थात ब्रम्हाण्ड की प्रत्येक वस्तु अपनी इन्ही दो अवस्थाओ को परिवर्तित करता रहता हैं। जैसे गति से विराम और विराम से गति।

अब प्रश्न यह उठता है की गति से विराम या विराम से गति होने के लिए कौन सा कारक जिम्मेदार होता हैं। इस प्रश्न के उत्तर को हम एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिये कोई किताब किसी टेबल पर विराम अवस्था में रखी गयी हैं अब इसको गति अवस्था में लाने के लिए निश्चित ही आप किताब पर एक बाहरी क्रिया करेंगे जिसको बल का नाम दिया जाता हैं।

अर्थात बल की उपस्थिति होने के लिए जड़त्व की उपस्थिति अनिवार्य होती हैं। ठीक इसी प्रकार अगर कोई वस्तु गति अवस्था में होती है,तो इसको विराम अवस्था में लाने के लिए भी बल की आवश्यकता होती हैं।

न्यूटन का गति सम्बन्धित प्रथम नियम/ गैलीलियों का नियम /जड़त्व(Inertia) का नियम

बाह्य बल के बारे में अरस्तु से लेकर न्यूटन तक ने अपने अपने सिद्धांत प्रस्तुत किये हैं। परन्तु न्यूटन का प्रथम नियम सबसे प्रचलित नियमो में से एक हैं।

न्यूटन के प्रथम नियम के अनुसार -“यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है तो वह विरामावस्था में ही रहेगी और यही वस्तु गतिकवस्था में है तो वह गतिकवस्था में ही रहेगी जब तक की उस पर कोई बाह्य बल आरोपित ना किया जाये “ यह नियम जड़त्व के नियम को परिभाषित करता हैं इस लिए इस नियम को जड़त्व का नियम अथवा गैलीलियों का नियम भी कहते हैं।

न्यूटन का गति सम्बन्धित प्रथम नियम बल को परिभाषित करता हैं इस नियम के अनुसार बल वह बाह्य कारक है जो किसी वस्तु की अवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक हैं। इस प्रकार यदि किसी वस्तु पर कार्यरत कुल बाह्य बल शून्य है ,तो उसका त्वरण शून्य होगा।

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जड़त्व(Inertia) और वस्तु के द्रव्यमान के बीच सम्बन्ध

जैसा की हमने ऊपर पढ़ा की जड़त्व(Inertia) किसी पदार्थ या वस्तु का वह भौतिक गुण होता है जो अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करता हैं। अब इसको अपने दैनिक जीवन के उदाहरण से समझते हैं मान लीजिये आपके सामने ट्रक और साइकल दोनों विराम अवस्था में पड़े हैं , आपसे कहा जाये की आप किस पर बाह्य बल लगाकर विस्थापित कर सकते हो तो निश्चित ही आपका उत्तर साइकल होगा।

यहाँ ध्यान दीजिये साइकल का द्रव्यमान ट्रक के द्रव्यमान से बहुत काम हैं इसका अर्थ हुआ साइकल अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध कम करेगा (क्योकि साइकल का द्रव्यमान कम हैं ) जबकि ट्रक अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध ज्यादा करेगा क्योकि ट्रक का द्रव्यमान साइकल की तुलना में अत्यधिक हैं।

अतः ऊपर उदहारण से हमने देखा “अवस्था परिवर्तन का विरोध (जड़त्व ) द्रव्यमान के समानुपाती होता हैं” अतः-

 जड़त्व~ (Inertia)\propto द्रव्यमान~ (m)

जड़त्व(Inertia) के प्रकार

  • विराम का जड़त्व (Inertia Of Rest)
  • गति का जड़त्व (Inertia Of Motion)
  • दिशा का जड़त्व (Inertia Of Direction)

विराम का जड़त्व (Inertia Of Rest)

वस्तु का वह गुण जिसके कारण वस्तु अपनी विराम अवस्था में होने वाले परिवर्तन का विरोध करती हैं ,विराम का जड़त्व (Inertia Of Rest) कहलाता हैं।

उदाहरण –

  • 1बस के अचानक चलने पर उसमें बैठे यात्री पीछे की ओर गिर पड़ते हैं– बस अथवा रेलगाड़ी के अचानक चलने पर यात्री के शरीर का निचला भाग जो बस या रेलगाड़ी के सम्पर्क में है, शीघ्र ही बस अथवा रेलगाड़ी के साथ गति प्रारम्भ कर देता है, परन्तु शरीर का ऊपरी भाग जो बस या रेलगाड़ी के सम्पर्क में नहीं है अपने विराम के जड़त्व के गुण के कारण विराम अवस्था में ही बना रहता है जिस कारण यात्री पीछे की ओर गिर पड़ते हैं।
  • 2 -कम्बल को हाथ में पकड़कर डण्डे से पीटने पर धूल के कण अलग हो जाते हैं– कम्बल को हाथ में पकड़कर डण्डे से पीटने पर कम्बल में गति उत्पन्न हो जाती है तथा धूल के कण विराम के जड़त्व के कारण अपने स्थान पर ही रहते हैं और कम्बल से अलग हो जाते हैं।

गति का जड़त्व (Inertia Of Motion)

“वस्तु का वह गुण जिसके कारण वस्तु अपनी गति अवस्था में होने वाले परिवर्तन का विरोध करती हैं गति का जड़त्व (Inertia Of Motion) कहलाता हैं। “

उदाहरण –

  • (1) चलती हुई बस के अचानक रुकने पर उसमें बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं चलती हुई बस या रेलगाड़ी में यात्री भी गाड़ी की चाल में गति करता है। बस या रेलगाड़ी के अचानक रुकने पर यात्री के शरीर का निचला भाग जो गाड़ी के सम्पर्क में है गाड़ी के साथ तेजी से रुक जाता है, परन्तु शरीर का ऊपरी भाग गति के जड़त्व के कारण उसी चाल से गति करता रहता है जिस कारण यात्री आगे की ओर झुक जाता है।
  • (2 ) यदि एकसमान वेग से चलती रेलगाड़ी में गेंद को ऊर्ध्वाधर उछाले, करने तब वह लौटकर फेंकने वाले के हाथ में वापस गिरती है चलती रेलगाड़ी में यात्री तथा गेंद दोनों एकसमान चाल से गति करते हैं। गेंद को उछालने पर गति के जड़त्व के कारण गेंद क्षैतिज दिशा में उसी चाल से गति करती रहती है तथा सदैव यात्री के ठीक ऊपर ही बनी रहती है और अन्ततः यात्री के हाथ में वापस लौट आती है।

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दिशा का जड़त्व (Inertia Of Direction)

“वस्तु का वह गुण जिसके कारण वस्तु अपनी गति की दिशा में होने वाले परिवर्तन का विरोध करती हैं दिशा का जड़त्व (Inertia Of Direction) कहलाता हैं। “

उदाहरण-

  • (1) तेज गति से चलती बस किसी वक्राकार मोड़ पर मुड़ती है, तो यात्री मोड़ के केन्द्र से बाहर की ओर झुक जाते हैं जब तेज गति से चलती बस वक्राकार मोड़ पर मुड़ती है, तो उसमें बैठे यात्री दिशा के जड़त्व के कारण पहली दिशा में ही गति करते रहते हैं जिस कारण मोड़ के केन्द्र से बाहर की ओर झुक जाते हैं।
  • (2) गाड़ी के टायर के सम्पर्क में आए कीचड़ के कणों से बचने के लिए मडगार्ड लगाए जाते हैं गाड़ी के टायर के सम्पर्क में आए कीचड़ के कण अपनी दिशा के जड़त्व के कारण अपनी स्पर्श रेखीय चाल की दिशा में गति करते हैं तथा वाहन को गन्दा करते हैं, जिससे बचने के लिए मडगार्ड लगाए जाते हैं।

निष्कर्ष

जड़त्व(Inertia) किसी पदार्थ का वह भौतिक गुण होता है जो अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करता हैं, जबकि वस्तु का द्रव्यमान जड़त्व का मापक होता हैं।

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