क्या आप जानते है ? भारत की नागरिकता कितने प्रकार से समाप्त हो सकती है -जानिए विस्तार से

किसी अन्य देश की तरह भारत में दो तरह के लोग रहते है एक तो वो लोग जो भारत में जन्म लेते है जिसको भारत का पूर्ण सदस्य (देशी ) कहते है। जबकि दूसरे वो लोग जो बाहर किसी अन्य देश से आकर भारत में रहते है जिनको विदेशी कहते है।

नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से हम सभी लोग”भारत की नागरिकता कितने प्रकार से समाप्त हो सकती है” को जानेंगे साथ ही साथ नागरिकता का अर्थ और नागरिकता की प्राप्ति पर भी चर्चा करेंगे।

नागरिकता का अर्थ

भारत के उन सदस्यों को हम नागरिकता की श्रेणी में रखते है जो भारत के प्रति निष्ठा रखते है। साथ ही साथ उन सदस्यों को सिविल और राजनैतिक अधिकार प्राप्त होते है। अर्थात नागरिकता का अर्थ सिविल और राजनैतिक अधिकार की प्राप्ति से होता है।

अन्य देशो की तरह भारत की भी नागरिकता ग्रहण करने के लिए कुछ नियम और शर्तो का अनुपालन करना होता है। आइये देखते है,नागरिकता ग्रहण करने के लिए नियम क्या है।

इसको भी जाने-अवमूल्यन किसे कहते हैं ?

नागरिकता ग्रहण करने के लिए नियम और शर्तो

यहाँ ध्यान देना जरुरी है , हमारे संविधान में नागरिकता की प्राप्ति के लिए 2 प्रकार के व्यवस्था (Provisions) का उल्लेख मिलता है जो इस प्रकार है –

  • पहला Provisions (26 जनवरी 1950 से पहले के लिए ) इसके अन्तरगर्त नागरिकता संवैधानिक नियमो अर्थात अनुच्छेदों के आधार पर दी जाएगी।
  • दूसरा Provisions (26 जनवरी 1950 से पहले के बाद ) जबकि इसके अन्तरगर्त नागरिकता अधिनियम अर्थात संसद द्वारा बनाये नियम और कानून के आधार पर दी जाएगी।

पहली Provisions के अनुसार

पहली Provisions के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी 1950 से पहले हुआ हो तो उनको निम्नलिखित अनुच्छेदो के आधार पर नागरिकता दी जाएगी –

  • (अनुच्छेद -5) इस अनुच्छेद के अनुसार उन व्यक्तियों को नागरिकता दी जाएगी जो भारत के मूल निवासी है। मूल निवासी होने के लिए व्यक्ति का जन्म भारत में हुआ हो या फिर व्यक्ति के माता -पिता में से किसी एक का जन्म भारत में हुआ हो।
  • (अनुच्छेद -6) इस अनुच्छेद के अनुसार उन व्यक्तियों को नागरिकता दी जाएगी जो पाकिस्तान से भारत आये हो लेकिन उस व्यक्ति में माता -पिता या दादा -दादी भारत के विभाजन से पहले भारत में जन्म लिए हो।
  • (अनुच्छेद 7) इस अनुच्छेद के अनुसार उन व्यक्तियों को नागरिकता दी जाएगी जो भारत से पाकिस्तान चले गए हो लेकिन बाद में पुनः भारत के लिए लौट आये हो।
  • (अनुच्छेद -8) इस अनुच्छेद के अनुसार उन व्यक्तियों को नागरिकता दी जाएगी जो दूसरे देश ( पाकिस्तान को छोड़कर ) में रहता हो लेकिन पुनः भारत के लिए लौट आया हो। इसके लिए उस व्यक्ति के माता-पिता या दादा-दादी अविभाज्य भारत के निवासी होने चाहिए।

“अतः अनुच्छेद-5,अनुच्छेद -6,अनुच्छेद7,और अनुच्छेद8 26 जनवरी 1950 से पहले नागरिकता प्राप्ति की बात करता है “

  • (अनुच्छेद-9) -इस अनुच्छेद के अनुसार उन व्यक्तियों को नागरिकता नहीं दी जाएगी जो स्वेछा से किसी अन्य देश की नागरिकता को ग्रहण करता है।
  • (अनुच्छेद-10)-इस अनुच्छेद के अंतरगर्त यह कहा गया है की ,प्रत्येक व्यक्ति जिसको भारत का नागरिक समझा जाता है ,संसद उनके लिए कोई भी कानून बना सकता हैं।
  • (अनुच्छेद-11)-इस अनुच्छेद में संसद को अधिकार दिया गया है की भविष्य में नागरिकता को लेकर (अर्जन और समाप्ति) कानून बनाये।

दूसरी Provisions के अनुसार

दूसरी Provisions के अनुसार नागरिकता की प्राप्ति नागरिकता अधिनियम -1955 अन्तगर्त 5 शर्तो के आधार पर दी जाती है।

  • जन्म के आधार पर
  • वंश के आधार पर
  • पंजीकरण के आधार पर
  • प्राकृतिक रूप के आधार पर
  • क्षेत्र को मिलाने के आधार पर

भारत की नागरिकता कितने प्रकार से समाप्त हो सकती है?

भारत की नागरिकता की समाप्ति नागरिकता अधिनियम -1955 में अधिनियमित या संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार तीन प्रकार से समाप्त हो सकती हैं।

  • स्वैच्छिक त्याग स्वैच्छिक त्याग के आधार पर कोई भी भारत का नागरिक अपनी नगरीयता को समाप्त कर सकता है। जबकि स्वैच्छिक त्याग में भी एक अपवाद है यह आधार (स्वैच्छिक त्याग) तब लागू नहीं होता सकता है जब भारत युद्ध में में व्यस्त हो।
  • बर्खास्तगी का आधार -यही कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर ले तो वह व्यक्ति भारत के नागरिकता से बर्खास्त दिया जायेगा।
  • वंचित होने का आधार -भारत का प्रतेक नागरिक अपनी नागरिकता को खो देगा अर्थात केंद्र सरकार (संसद) द्वारा बर्खास्त कर दिया जायेगा यदि संसद द्वारा बनाये गए नियमो से वंचित रह गया हो। जैसे संविधान का अनादर करना ,नागरिकता फर्जी तरीके से प्राप्त करना ,युद्ध के दौरान शत्रु का इत्यादि।

निष्कर्ष

भारतीय संविधान के भाग-2 में अनुच्छेद 5 से अनुच्छेद 11 तक नागरिकता के बारे चर्चा किया गया है जिसमे भारत की नागरिकता तीन प्रकार (स्वैच्छिक त्याग,बर्खास्तगी,वंचित) से समाप्त हो सकती है।

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