Best Explanation -क्रांतिक कोण (Critical Angle) किसे कहते हैं?(2024)/अपवर्तनांक के साथ सम्बन्ध

भौतिकी में कुछ ऐसे शब्द जो काफी Unique होते हैं, इन्ही शब्दों में से एक क्रांतिक कोण (Critical Angle) हैं। तो आइये प्रकाश के इस अध्याय में क्रांतिक कोण (Critical Angle) की परिभाषा ,इसकी उत्त्पति और क्रांतिक कोण (Critical Angle) का अपवर्तनांक के साथ सम्बन्ध इत्यादि पर चर्चा करते हैं।

क्रांतिक कोण (Critical Angle) –

देखिये क्रांतिक कोण (Critical Angle) को अगर समझना हैं,तो पहले प्रकाश के कुछ मूलभूत नियमो और सिद्धांतो को समझना हैं। इस मूलभूत सिद्धांत में हम पहले परार्वतन और पूर्ण आंतरिक परावर्तन के नियमो को जानेंगे।

प्रकाश का परावर्तन

“जब प्रकाश की कोई किरण पुंज किसी चिकने समतल सतह पर आपतित (गिरता) होता हैं,तो प्रकाश का अधिकांश भाग उसी माध्यम में वापस लौट जाता है। प्रकाश एक इस घटना को प्रकाश का परावर्तन करते हैं तथा इस घटना में प्रकाश की चाल नियत रहती हैं।

यहाँ ध्यान देना जरुरी हैं ,प्रकाश के परावर्तन की घटना एक ही माध्यम में घटित होता हैं। हालांकि प्रकाश की किरण पुंज चिकने समतल सतह पर आपतित होने के दौरान सतह द्वारा कुछ अवशोषण भी होता हैं। और बची प्रकाश पुंज उसी माध्यम में वापस लौट जाता हैं।

प्रकाश का पूर्ण आतंरिक परावर्तन

जब प्रकाश की किरण को सघन माध्यम से वायरल माध्यम में प्रवेश कराया जाता है तो यह अभिलम्ब से दूर हटने लगता हैं। अतः सघन माध्यम में बना कोण (आपतन कोण i ) बढ़ने पर विरल माध्यम में बना कोण (अपवर्तन कोण r) भी उसी के अनुपात में बढ़ने लगता हैं।

अंततः सघन माध्यम में बने आपतन कोण का वह अधिकतम मान जिसके लिए विरल माध्यम में बना अपवर्तन कोण 90 degree हो जाता हैं। सघन माध्यम का क्रांतिक कोण कहलाता है।

इस प्रकार अगर सघन माध्यम में प्रकाश की किरण को क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर आपतित किया जाये तो प्रकाश की किरण पुनः उसी सघन माध्यम में वापिस लौट आता हैं। प्रकश के इस घटना को प्रकाश का पूर्ण आतंरिक परावर्तन कहते हैं।

तो आप अब यह जान पाने में सक्षम होंगे की क्रांतिक कोण प्रकाश के परावर्तन और प्रकाश का पूर्ण आतंरिक परावर्तन के बीच का भाग होता हैं जो प्रकाश की दो घटनाओ को विभाजित करता हैं।

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पूर्ण आतंरिक परावर्तन के लिए शर्त-

  • प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करना चाहिए।
  • आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए।

पूर्ण आतंरिक परावर्तन का व्यवहारिक जीवन में उपयोगिता –

  • कांच में पड़ी दीवारों का चमकना
  • हिरे का चमकदार दिखाई देना
  • जल में परखनली का चमकीला दिखाई देना
  • रेगिस्तान में मरीचिका का दिखना

क्रांतिक कोण (Critical Angle) की परिभाषा

सघन माध्यम में बने आपतन कोण का वह अधिकतम मान जिसके लिए विरल माध्यम में बना अपवर्तन कोण 90 degree हो जाता हैं। सघन माध्यम का क्रांतिक कोण कहलाता है”। इसको सामान्यतः c से व्यक्त करते हैं।

क्रांतिक कोण (Critical Angle) और अपवर्तनांक (n) के साथ सम्बन्ध-

क्रांतिक कोण (Critical Angle) किसे कहते हैं,क्रांतिक कोण (Critical Angle) और अपवर्तनांक के बीच सम्बन्ध
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क्रांतिक कोण (Critical Angle) और अपवर्तनांक के साथ सम्बन्ध Snell के नियम पर आधारित होता हैं। Snell के नियमानुसार जब कोई प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करता हैं तो माध्यम का अपवर्तनांक –

_2n_{1}=\frac {sin i }{sin r }--(1)

परन्तु क्रांतिक कोण के शर्त के अनुसार-

  • आपतन कोण (i)=क्रांतिक कोण (c)
  • अपवर्तन कोण ( r )=90 degree

अतः समीकरण (1) में सभी मान रखने पर –

_2n_{1}=\frac {sin c  }{sin 90\degree  }

सरल करने पर –

_2n_{1}={sin c  }~~~--(2)~ क्युकी ~ sin 90\degree=1 

प्रकाश के उत्क्रमणीयता के सिद्धांत से –

_2n_1=\frac {1 }{_1 n_2 }

अतः –

_1 n_2 =\frac {1 }{_2  n_1  }

समीकरण (2) से मान रखने पर –

_1 n_2 =\frac {1 }{sin c }

इसको सामान्य पदों में इस प्रकार लिख सकते हैं –

n =\frac {1 }{sin c }

क्रांतिक कोण (Critical Angle) का अलग अलग माध्यमों के लिए मान –

Certainly! Here’s a table showing the critical angle (क्रांतिक कोण) and refractive index (अपवर्तनांक) for different mediums:

MediumCritical Angle (क्रांतिक कोण)Refractive Index (अपवर्तनांक)
Air(वायु)Varies1.0003
Water (जल)~ 48.8 degrees1.333
Glass (Crown)~ 41.8 degrees1.52
Diamond~ 24.4 degrees2.42
Critical Angle (क्रांतिक कोण) और Refractive Index (अपवर्तनांक)

यहाँ ध्यान दीजिये Refractive Index (अपवर्तनांक) और Critical Angle (क्रांतिक कोण) एक दूसरे के व्युत्क्रमानुपाती होता हैं अतः –

अतः लाल रंग के लिए अपवर्तनांक न्यूनतम तथा क्रांतिक वेग अधिकतम होगा जबकि बैगनी रंग के लिए अपवर्तनांक अधिकतम तथा क्रांतिक वेग न्यूनतम होता हैं।

निष्कर्ष

ऊपर निष्कर्षो के आधार पर क्रांतिक कोण प्रकाश के परावर्तन और प्रकाश का पूर्ण आतंरिक परावर्तन के बीच का भाग होता हैं जो प्रकाश की दो घटनाओ को विभाजित करता हैं। अतः –

सघन माध्यम में बने आपतन कोण का वह अधिकतम मान जिसके लिए विरल माध्यम में बना अपवर्तन कोण 90 degree हो जाता हैं। सघन माध्यम का क्रांतिक कोण कहलाता है”। अतः अपवर्तनांक (n)=1/sin(c)

उम्मीद है की यह छोटा सा प्रयास आपके तैयारी को बल प्रदान करेगा। अगर इस पोस्ट से सम्बंधित कोई भी doubt हो तो आप comment box में पूछ सकते हैं।

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