अंतरिम बजट किसे कहते है ? अंतरिम बजट और सामान्य बजट में क्या अन्तर हैं- सम्पूर्ण विश्लेषण

अंतरिम बजट किसे कहते है ?

अगर बजट को हम दो स्थितियों में देखे तो बजट का अलग-अलग परिदृश्य हो सकता है ,अगर बजट लोक सभा चुनाव के पहले पेश किया जाता है तो ऐसे बजट को अंतरिम बजट कहते है और अंतरिम बजट में कोई खास नये वादे और नये पालिसी नहीं होता है ,क्योकि चुनाव के पारदर्शिता को नजर में रखते हुए ऐसा निर्णय लिया जाता है।

जबकि चुनाव के बाद सरकार आर्थिक सर्वेक्षण और बजट दोनों एक दिन के अन्तराल पर पेश करता है और इस बजट में सरकार आगामी वर्ष के लिए पालिसी ,वादेऔर बड़े -बड़े योजना की घोषणा करता है।

हालाँकि अंतरिम बजट और सामान्य बजट हमारे संविधान के उल्लेखित नहीं है अर्थात सरकार बिलकुल बाध्य नहीं होता है की अंतरिम बजट में कोई बड़ी योजनाओ की घोषणा नहीं करेगा , इसका उदहारण 2019 के लोक सभा के चुनाव के दौरान पेश किये गए अंतरिम बजट में प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि जैसे बड़े योजनाओ की घोषणा थी।

बजट क्या है ?

बजट फ्रांसीसी शब्द ‘बुगे’ (Bugeut) से बना है ,जिसका अर्थ होता है चमड़ा का बैग। ब्रिटेन 18 वी शताब्दी में मध्य में इस तरह के बैग से सरकारी आय तथा व्यय के Data को निकालकर संसद के सामने रखती थी ,और आज वर्तमान में इस शब्द को सरकार की वार्षिक आय और व्यय के सम्पूर्ण बिवरण को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

अतः बजट किसी भी अर्थव्यवस्था में सरकार की आगामी वर्ष के आय और व्यय का ब्यौरा होता है ,हालाँकि भारतीय संविधान में सीधे तौर पर ‘बजट ‘ शब्द का जिक्र नहीं है ,जबकी संविधान में अनुच्छेद-112 के तहत बजट शब्द को वार्षिक वित्तीय विवरण या केंद्रीय बजट के नाम से जाना जाता है। ”

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आखिर बजट में कौन -कौन से आंकड़े शामिल होते है ?

सामान्यतः केंद्रीय बजट में तीन सालो के डाटा का संग्रह देखने को मिलता है –

  • पिछले साल के वास्तविक आंकड़ों का संग्रह (A)-मान लीजिये 2023 -24 का बजट पेश करने हो तब पिछले साल (2022 -23) के वास्तविक आंकड़े (A) को भी दिखाया जाता है यानि यह बताने का प्रयास किया जायेगा की सरकार ने जो लक्ष्य साल 2023 -24 में जो अनुमान लगाया तो उसकी कितनी प्राप्ति हो पायी।
  • वर्तमान वर्ष के अस्थाई आंकड़े (PE)-वर्तमान वर्ष 2022 -23 के अस्थाई आंकड़े।
  • आगामी वर्ष के लिए बजटीय अनुमान (BE)-आने वाले वर्ष के लिए बजटीय अनुमान।

बजट के प्रकार

गोल्डन रूल

इस अवधारणा के अन्तर्गत सरकार को सिर्फ निवेश के लिए ही ऋण लेना होगा ना की राजस्व व्यय की पूर्ति के लिए।

संतुलित बजट

यदि बजट का राजस्व घाटा शून्य हो तो उसे संतुलित बजट कहते है , राजस्व घाटा शून्य होने का अर्थ है की सरकार द्वारा किया गया कुल खर्च ,कुल राजस्व (total revenue ) के बराबर हो जाये तो इसे संतुलित बजट कहते है।

जेंडर बजटिंग

ऐसा बजट जिसमे संसाधन और कार्यो का आवंटन Gender के आधार पर होता है। हालाँकि ऐसे बजटिंग प्रक्रिया उन देशो के लिए होता है जहा सामाजिक ,आर्थिक असामनता दीखता हो।

आउटकम बजट एवं परफॉरमेंस बजट

इस बजट के अन्तर्गत,बजट का Outcome विभिन्न मंत्रालय और विभागों द्वारा किया जाता है जबकि निष्पादन वित्त मंत्री द्वारा किया जाता है।

सरप्लस बजट 

यदि किसी वित्तीय वर्ष में अनुमानित आय अनुमानित व्यय से अधिक है तो बजट को अधिशेष या सरप्लस बजट कहा जाता है. इस प्रकार का बजट यह दर्शाता है कि सरकार की है कि सरकार की टैक्स से होने वाली आय, सरकार द्वारा पब्लिक वेलफेयर पर खर्च किए गए धन से अधिक है।

घाटे का बजट

घाटे का बजट तब होता है जब किसी विशेष वित्तीय वर्ष में अनुमानित राजस्व की तुलना में अनुमानित व्यय अधिक होता है. इस तरह के बजट का अर्थ यह है कि सरकार का राजस्व उसके खर्च से कम है।

बजट के विपरीत प्रस्ताव

कटौती प्रस्ताव

यह प्रस्ताव विपक्ष द्वारा सदन में सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट के विपरीत लाया जाता है। अमेरिका के परिपेक्ष में कटौती प्रस्ताव का सदन में मंजूरी मिलने के बाद ही बजट की घोषणा की जाती है।

हालाँकि भारतीय परिपेक्ष में संसद में पहले बजट पर चर्चा होती है ततपश्चात सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में किये गए माँगो पर सदन में मतदान। भारतीय संवैधानिक प्रावधानों के अंतरगर्त बजट की माँगो ,अनुदानों ,आदि पर सदन में चर्चा के लिए कई व्यवस्था बनाई गयी है जैसे –

प्रतीकात्मक कटौती (Token cut)

यह प्रस्ताव मांग में से 100 रूपये कम करने के लिए लाया जाता है। ऐसा इस लिए की सरकार के उत्तरदायित्व के दायरे में आने वाले किसी मामले से सम्बंधित शिकायत को जगह मिल जाये।

किफ़ायत कटौती

यह प्रस्ताव मॉंग में एकमुश्त कटौती या मॉंग के किसी Item को हटाने के लिए किया जाता है।

नीतिगत कटौती या अस्वीकृत कटौती

यह प्रस्ताव तब लाया जाता है जब बजट में किसी निति के प्रति असंतुष्टि या अस्वीकृत हो इसके लिए मांग में से 1 रुपये कटौती कर जाहिर किया जाता है।

निष्कर्ष

सामान्य स्थिति में बजट पेश होने के एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण (31 जनवरी) पेश किया जाता और अगले दिन (1फरवरी ) को बजट। लेकिन लोक सभा के चुनावी वर्ष में सिर्फ बजट पेश किया जाता है जिसको अंतरिम बजट कहते हैं।

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