unique vidhut bal ki paribhasha -class 12th

वैधुत बल (vidhut bal ) का सिद्धांत दो स्थिर बिंदु आवेशों के लिए सत्य होता है । अतः दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच कार्यरत वैधुत बल ,स्थिर बिंदु आवेशों की परिणामों के गुणनफल के समानुपाती तथा बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है

नमस्कार मित्रों आज के इस पोस्ट में हम सभी लोग वैधुत बल की परिभाषा अर्थात कूलाम के नियम को समझेंगे तथा इस नियम से संबंधित सभी बिंदुओं को गहराई से अध्ययन करेंगे तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें|

Table of Contents

कुलाँम का नियम/ स्थिर वैधुत बल(vidhut bal )

कुलाँम नामक फ्रांसीसी वैज्ञानिक ने 1780 के दशक में इस सिद्धांत का प्रतिपादित किया था। यह नियम विद्युतचुम्किय सिद्धान्त के विकास के लिये महत्वपूर्ण भूमिका का काम किया हैं । इस नियम के की आधारशिला दो स्थिर बिंदु आवेश तथा आवेशों के बीच की न्यूनतम दुरी निर्भर करता हैं |

अतः इस नियम के अनुसार –

दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच कार्यरत वैधुत बल(vidhut bal ) ,स्थिर बिंदु आवेशों की परिणामों के गुणनफल के समानुपाती होता हैं “

F_e\propto q_{1}\times q_2

जबकि दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच कार्यरत वैधुत बल (vidhut bal ) ,स्थिर बिंदु आवेशों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है

F_e\propto \frac{1}{r^2}

स्थिर वैधुत बल(vidhut bal ) का गणितीय रूप

माना दो स्थिर बिंदु आवेश निर्वात या वायु में बिंदु O तथा p दुरी r पर स्थित हैं|

तब कुलाँम के नियमानुसार-

F_e\propto q_{1}\times q_2

तथा

F_e\propto \frac{1}{r^2}

दोनों नियमो को मिलाने पर एक नए सूत्र की उत्पति होती हैं –

F_e\propto\frac{q_1q_2}{r^2}

समानुपाती नियतांक को हटाने पर एक नया नियतांक जुड़ जाता है जिसे k से जाना जाता हैं , अतः

F_e=k \frac{q_1q_2}{r^2}

और भी देखे –

Coulomb’s law in electrostatics | video in HINDI 

k का मान –

k=\frac{1}{4\pi\epsilon_0}=9.0\times10^9 Nm^2C^{-2}

k का मात्रक तथा विमीय सूत्र –

मात्रक –

Nm^2C^{-2}

विमीय सूत्र –

{[MLT^{-2}]\times[L^2]}\times{[A^{-2}T^{-2}]}

हल करने के पश्चात –

[ML^3A^{-2}T^{-4}]

आपेक्षिक विधुतशीलता या Dielectric constant

यदि दोनों स्थिर बिंदु आवेशों को किसी माघ्यम में रख दिया जाये जिसका dielectric constant K हो तब स्थिर वैधुत बल –

F_m=\frac{1}{4\pi\epsilon_oK}\frac{q_1q_2}{r^2}

यहाँ

\epsilon=\epsilon_oK

यहाँ पर ϵ को माध्यम का निरपेक्ष वैधुतशीलता कहते हैं।

इसी प्रकार दोनों स्थिर बिंदु आवेशों को निर्वात अथवा वायु में रखा जाये –

F_=\frac{1}{4\pi\epsilon_o}\frac{q_1q_2}{r^2}

दोनों समीकरणों का भाग करने पर –

\frac{F}{F_m}=K=\frac{\epsilon}{\epsilon_o}=\epsilon_r

यहाँ K को dielectric constant कहते हैं तथा ϵr​ को आपेक्षिक विधुतशीलता कहते हैं।

कुलाँम के नियम/ स्थिर वैधुत (vidhut bal ) बल का सदिश रूप

किसी भी भौतिक राशि का सदिश रूप लिखने के लिए उस भौतिक राशि के परिणाम और उसके एकांक सदिश से गुणा करना होता हैं । अर्थात-

भौतिक राशि का सदिश रूप =भौतिक राशि के परिणाम x एकांक सदिश

कुलाँम के नियम अनुसार पहला आवेश दूसरे आवेश पर जितना बल आरोपित करता है उतना ही दूसरा आवेश पहले आवेश पर बल आरोपित करता है। अर्थात स्थिर वैधुत बलों (vidhut bal ) का परिणाम तो बराबर होता लेकिन बलो द्वारा आरोपित बल की दिशा विपरीत होती हैं।

सदिश रूप

\overrightarrow{F_{12}}=-\overrightarrow{F_{21}}=k\frac{q_1q_2}{r^2}\times\^{r_{12}}=k\frac{q_1q_2}{r^2}\times\^{r_{21}}

अतः कुलाँम का नियम न्यूटन के तीसरे नियम का पालन करता हैं.

बलो के अध्यारोपण का सिद्धांत

“किसी एक स्थिर आवेश पर निकाय के अन्य स्थिर अवेशो के कारण लगने वाला परिणामी बल उस आवेश पर निकाय के प्रत्येक अवेश के कारण लगने वाले अलग अलग बलो के सादिश योग के बराबर होता है”

\overrightarrow{F_{1}}=\overrightarrow{F_{12}}+\overrightarrow{F_{13}}+\overrightarrow{F_{14}}+\overrightarrow{F_{15}}+...............+\overrightarrow{F_{1n}}

कूलॉम के नियम की सीमाएँ

  • कूलाम्ब का नियम केवल बिंदु आवेशों के लिए ही सत्य है।
  • यह नियम अधिक दूरी के लिए सत्य नहीं है।
  • यह नियम 10^-15/एक फर्मी मीटर से कम दूरियों के लिए भी सत्य नहीं है, क्योंकि 10^-15 मीटर से कम दूरियों पर नाभिकीय बल की प्रधानता के कारण ये बल कार्य नहीं करता अर्थात अनुपयुक्त हो जाता है ।
  • यह एक सार्वत्रिक(universal) नियम नहीं है।

विद्युत बलों(vidhut bal ) के उदाहरण

  • बल्ब में आवेश
  • वैधुत परिपथ
  • कंघी का बालो से रगण करने के पश्चात आवेशन
  • dipole को वैधुत क्षेत्र में रखने के पश्चात dipole पर कार्यरत बल

विद्युत बल (vidhut bal ) के प्रकार

विद्युत बल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं: आकर्षक विद्युत बल (vidhut bal ) और प्रतिकारक विद्युत बल। विपरीत आवेश एक दूसरे पर आकर्षक बल लगाते हैं और समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। जब कोई धनात्मक आवेश किसी ऋणात्मक आवेशित कण के करीब आता है, तो एक-दूसरे को आकर्षित करने हैं। जबकि सामान आवेश एक दूसरे के पास आते है तो प्रतिकर्षण करते हैं।

आवेशित कण क्या है?

विद्युत बल दो आवेशित कणों के बीच मौजूद एक बल है। तो, आवेशित कण क्या हैं? परमाणुओं में सूक्ष्म कण मौजूद होते हैं जिन्हें प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन कहा जाता है। प्रोटॉन धनात्मक रूप से आवेशित होते हैं, और इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक रूप से आवेशित होते हैं। प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन सबसे छोटे मौजूदा कण हैं। सभी पदार्थ मौजूदा परमाणु में प्रोटॉन की संख्या और परमाणु में मौजूद इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बीच असंतुलन के कारण ही चार्ज होते हैं। 

प्रोटॉन नाभिक के भीतर स्थित होते हैं जिससे बहुत कम या कोई गति नहीं होती है। इसके विपरीत, इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं क्योंकि वे लगातार नाभिक की ओर आकर्षित नहीं होते हैं। यही कारण है कि इलेक्ट्रॉनों के लिए एक कण से दूसरे कण में जाना बहुत आसान होता है, जिससे कण में मौजूद प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बीच असंतुलन पैदा होता है और इस प्रकार बनाए रखने के लिए दूसरे कण के साथ बंधन की आवश्यकता उत्पन्न होती है।

बुनियादी विद्युत आवेशों के संबंध में, कंघी करने के बाद ठंडे शुष्क मौसम में हमारे बाल खड़े हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कंघी से निकलने वाले चार्ज बालों में संचारित होते हैं और इस प्रकार बालों को खड़ा कर देते हैं। यहां हेयर स्टैंड नकारात्मक चार्ज वाली कंघी के विपरीत सकारात्मक चार्ज हो जाता है। 

यह मुख्य रूप से ठंडी शुष्क हवा में होता है, क्योंकि अपेक्षाकृत आर्द्र और गर्म जलवायु में, हवा में बहुत सारा पानी मौजूद होने के कारण यह बालों से अधिक आसानी से चार्ज ग्रहण कर लेता है और इसके बाद बाल बहुत तेजी से चार्ज खो देते हैं।

वैधुत क्षेत्र की तीव्रता तथा वैधुत बल(vidhut bal ) के बीच सम्बन्ध

F=E\times Q

निष्कर्ष

कूलॉम का नियम दो स्थिर बिंदु आवेश के लिए सत्य होता है साथ ही साथ यह कोई सार्वत्रिक स्थिर नियम होता है। इस सिद्धांत के कुछ सीमाएं भी है जो विधुत चुंबकीय सिद्धांत के लिए आधार हैं।

कुलाँम का नियम से सम्बंधित प्रश्न /FAQ

Q1-कुलाँम का नियम न्यूटन के किस नियम का पालन करता है?

कुलाँम का नियम न्यूटन तीसरे नियम का पालन करता है.

Q2-कुलाँम का नियम लागू होने के लिए आवेशों की मध्य की दूरी कितनी होनी चाहिए?

एक फर्मी तक के आस पास तक की दूरियों तक मान्य होता हैं।

Q3 -आपेक्षिक विधुतशीलता का मात्रक बताइये ?

आपेक्षिक विधुतशीलता एक शुद्ध राशि होती हैं अर्थात यह मात्रकहीन और विमहीन होता हैं।

Q4 -कुलाँम का नियम किस प्रकार के आवेश के लिए सत्य होता हैं ?

कुलाँम का नियम स्थिर बिंदु के लिए सत्य होता हैं।

Q5 -कूलाम के नियम का महत्व क्या हैं ?

कूलाम के नियम का महत्व विद्युतचुम्बकत्व के सिद्धान्त के विकास के लिये आधार प्रदान करता हैं।

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