Best explanation-धारिता(Dharita) किसे कहते हैं ?(class 12th)

देखिये किसी भी चालक द्वारा आवेश ग्रहण करने की एक अधिकतम क्षमता होती है। अर्थात चालक को उसके क्षमता से ज्यादा का आवेश देने से चालक जल सकता हैं। विज्ञान की भाषा में एक आवेश के अधिकतम ग्रहण करने की क्षमता ही धारिता(Dharita)होती हैं।

नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम चालक की धारिता के बारे में चर्चा करेंगे जिसके धारिता(Dharita) की व्यहारिक परिभाषा से लगाए भौतिकी परिभाषा तक का सफर तय किया जायेगा। साथ ही साथ exam के नजरिये से कितना महत्वपूर्ण हो सकता है ,इसपे भी चर्चा किया जायेगा।

धारिता(Dharita)-व्यवहारिक परिभाषा

यहाँ ध्यान दीजिये जब किसी भी भौतिक राशि के व्यवहारिक परिभाषा की बात की जाती है,तो इसका तात्पर्य उस भौतिक राशि के शब्दों की गहराई से होता हैं। अगर हम धारिता को परिभाषित करे तो इसका साधारण और सरल अर्थ धारण हैं। जबकि English में धारिता को Capacitance कहते है, जिसका सामान्य और सरल अर्थ Capacity होगा।

दोनों स्थितियों में धारण और Capacity शब्द को हम क्षमता से जोड़ सकते हैं। अर्थात किसी चालक की धारिता उसके आवेश के ग्रहण करने की अधिकतम क्षमता होती हैं।

धारिता को अपने जीवन के घटनाओ से जोड़कर भी समझ सकते हैं। मान लीजिये दो व्यक्ति A तथा B एक साथ भोजन ग्रहण करते हैं जिसमे व्यक्ति A ने अधिकतम 10 रोटियां और व्यक्ति B ने अधिकतम 7 रोटियां ग्रहण करता हैं। अब अगर आपसे पूँछा जाये की किस व्यक्ति की रोटी ग्रहण करने की क्षमता अधित हैं तो निश्चित ही आपका उत्तर व्यक्ति A होगा।

विज्ञानं की भाषा में व्यक्ति A की धारिता(Dharita) व्यक्ति B की धारिता(Dharita) से अधिक हैं। क्योकि व्यक्ति A की रोटी ग्रहण करने की क्षमता व्यक्ति B से अधिक हैं।

धारिता(Dharita)-भौतिक परिभाषा

किसी चालक को आवेश की एक निश्चित मात्रा एक-साथ प्रदान नहीं की जा सकती है। चालक के आवेशन की प्रक्रिया चरणबद्ध रूप से सम्पन्न होती है। किसी क्षण चालक को दिया जाने वाला आवेश, चालक पर पहले से उपस्थित आवेश द्वारा प्रतिकर्षित होता है अंततः चालक के आवेश में वृद्धि करने के लिए हमें इस प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है।

अंततः चालक की स्थितिज ऊर्जा अर्थात् वैधुत विभव में वृद्धि होती है। चालक के विभव की वृद्धि, चालक को दिए गए आवेश के समानुपाती होती है। अर्थात –

Q\propto V

समानुपाती नियतांक हटाने पर –

Q=C \times  V

जहाँ C ही चालक की धारिता कहलाती हैं।

अतः प्रत्येक चालक विभव के एक उच्चतम मान तक ही आवेश ग्रहण कर सकता है। अर्थात् चालक की आवेश ग्रहण करने की क्षमता निश्चित होती है।

चालक की आवेश ग्रहण करने की इस क्षमता को ही चालक की धारिता कहते हैं“।इसको सामान्यतः C से व्यक्त करते है। अतः चालक की धारिता (C)-

C =\frac {Q }{V }

इस प्रकार किसी चालक को दिया गया आवेश (Q) तथा विभव में हुए वृद्धि के अनुपात को को चालक की धारिता कहते हैं

धारिता(Dharita)- मात्रक तथा विमीय सूत्र

धारिता का मात्रक –

(1)-धारिता (C) का मात्रक आवेश (Q) तथा वैधुत विभव (V) के मात्रक पर निर्भर करता हैं। अतः धारिता (C) का S.I पद्धति में मात्रक –

\frac {Coulomb }{Volt }=Farad 

(2) C.G.S पद्धति में मात्रक State Farad होता हैं।

धारिता का अन्य मात्रक –

  • 1 मिली फैरड =10-3 फैरड
  • 1 माइक्रो फैरड =10-6 फैरड
  • 1 नैनो फैरड =10-9 फैरड
  • 1 पिको फैरड =10-12 फैरड

धारिता का विमीय सूत्र –

\frac {[AT]}{[ML^2T^{-3}A^{-1}]}=[M^{-1}L^{-2}T^4A^2]

धारिता(Dharita)– भौतिक महत्त्व

चालक की धारिता का हमारे दैनिक जीवन में काफी ज्यादा महत्त्व होता हैं। इसको हम व्यवहारिक रूप में समझने की कोशिश करते हैं। वैधुत धारिता का उपयोग हम अपने घरों में वैधुत ऊर्जा के अस्थायी रूप के लिए किया जाता हैं। इसको हम उदहारण से समझते हैं। अक्सर आपने देखा होगा घरो पर उपयोग की जाने वाली पंखे(FAN) की चाल कुछ समय पश्चात धीमी हो जाती हैं, इसका मतलब पंखे के अंदर उपयोग चालक की प्रतिरोध बढ़ गयी है और वैधुत ऊर्जा कम हो जाती हैं।

इस समस्या से उभरने के लिए हम अलग से चालक / पंखे को अस्थायी वैधुत ऊर्जा प्रदान करते हैं जिसे Fan Condenser कहते हैं। इस Fan Condenser को पहले बाहर से आवेश की अलग अलग मात्रा प्रदान की जाती है जिससे Fan Condenser का वैधुत विभव बढ़ जाता हैं। अर्थात Fan Condenser को अब आवेशित मान लिया जाता हैं जिसमे अस्थायी रूप में वैधुत ऊर्जा होती हैं।

इस Fan Condenser का उपयोग करके हम अपने घरो के पंखो की चाल को बढ़ा सकते हैं।

धारिता(Dharita) को प्रभावित करने वाले भौतिक कारक

  • चालक की धारिता चालक के आकर पर निर्भर करता हैं। अर्थात चालक के क्षेत्रफल ,चालक के आयतन इत्यादि पर।
  • चालक के समीप अन्य चालक की उपस्थिति भी निर्भर करता हैं। ऐसा इसलिए क्योकि वैधुत प्रेरण की घटना से चालक का विभव घट जाने से धारिता में वृद्धि हो जाती हैं।
  • चालक किस माध्यम में रखा गया है उस माध्यम पर भी निर्भर करता हैं।

विलगति(Isolated) गोलीय चालक की धारिता(Dharita) –

यहां कुछ शब्दों को समझ लेना जरुरी होता हैं जैसे विलगति। विलगति शब्द को ENGLISH में Isolated कहा जाता हैं जबकि Isolated शब्द Corona महामारी के दौरान हममे से प्रत्येक व्यक्ति ने सुना होगा। हालांकि Isolated शब्द का सामान्य अर्थ आता हैं क्रिया -प्रतिक्रिया का शून्य होना।

जैसे व्यक्ति A को Isolate किया गया इसका मतलब उस व्यक्ति A के साथ क्रिया -प्रतिक्रिया हैं। अतः विलगति(Isolated) गोलीय चालक का मतलब हुआ की इस विलगति चालक के समीप अन्य चालक रख दिया जाये तो विलगति चालक कोई क्रिया और प्रतिक्रिया नहीं करेगा। जिससे धारिता स्थिर रहेगा।

अब मान लेते है कोई विलगति(Isolated) गोलीय चालक जिसकी त्रिज्या R तथा चालक के सतह पर उपस्थित आवेश +Q हैं। तब विलगति चालक के सतह पर विभव (V)-

V =\frac {1 }{4\pi \epsilon_{0 }}.\frac{Q }{V }--(1 )

जबकि चालक की धारिता –

C =\frac {Q }{V }--(2 )

दोनों समीकरण से –

C =4\pi \epsilon_{0 }.R 

धारिता(Dharita)-निष्कर्ष

किसी भी चालक द्वारा आवेश ग्रहण करने की एक अधिकतम क्षमता होती है। अर्थात चालक को उसके क्षमता से ज्यादा का आवेश देने से चालक जल सकता हैं। विज्ञानं की भाषा में एक आवेश के अधिकतम ग्रहण करने की क्षमता ही धारिता होती हैं। अतः “किसी चालक को दिया गया आवेश तथा विभव में होने वाली वृद्धि के अनुपात को चालक की धारिता कहते हैं “

मैं आशा करता हूँ यह पोस्ट आपके तैयारी के लिए आधार का काम करेगा। जिससे आपके तैयारी को और मजबूती मिलेगी।

वीडियो देखे –

धारिता(Dharita) किसे कहते हैं-class 12th

चालक की धारिता(Dharita) सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न | FAQ

Q.1 पृथ्वी के वैधुत विभव को शून्य माना जाता है क्यों ?

देखिये पृथ्वी को कितना ही आवेश दे दीजिये या कितना ही आवेश लीजिये पृथ्वी की धारिता में कोई बदलाव नहीं होता। अर्थात पृथ्वी की धारिता अनंत होती हैं। तब C =Q/V में धारिता का मान अनंत (1/0) रखने पर विभव शून्य हो जाता हैं।

Q.2 धारिता कौन सी राशि होती हैं ?

धारिता एक अदिश राशि होती हैं।

Q.3 क्या गोलीय चालक की धारिता चालक के अकार पर निर्भर करता हैं ?

हाँ गोलीय चालक की धारिता चालक के अकार पर निर्भर करता हैं अर्थात गोलीय चालक की धारिता चालक के त्रिज्या के समानुपाती होता हैं।

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