आवर्धन किसे कहते हैं-लेंस और दर्पण के लिए परिभाषा और सूत्र (class 10th & class 12th)

आवर्धन शब्द को दो तरीके से परिभाषित किया जा सकता हैं , आवर्धन जिसको English में Magnification कहते है और इस Magnification का सरल और सहज अर्थ भव्यता/वृद्धि या इजाफा होता हैं। जबकि भौतिकी में लगभग इसका मतलब सामान होता है। आइये “आवर्धन किसे कहते हैं:लेंस और दर्पण के लिए परिभाषा और सूत्र (class 10th & class 12th)” को गहराई के साथ जानने और समझने का प्रयाश करते हैं।

आवर्धन किसे कहते हैं ?

सामन्य जीवन में आवर्धन (Magnification) का सरल और सहज अर्थ वृद्धि या इजाफा होता हैं। जबकि भौतिकी में किसी लेंस और दर्पण के सामने किसी वस्तु को रखने के बाद वस्तु के प्रतिबिम्ब में वृद्धि या इजाफा को आवर्धन (Magnification) कहते हैं। वस्तु के प्रतिबिम्ब में वृद्धि या इजाफा का मापन गणितीय नियम के आधार पर की जाती हैं।

आवर्धन (Magnification) को एक उदहारण से समझने की कोशिश करते हैं मान लीजिये किसी वस्तु की प्रारम्भिक विमा L और इसी वस्तु की विमा में वृद्धि या इजाफा Δl हो तब इसका अर्थ हुआ की वस्तु की विमा में वृद्धि या इजाफा Δl , वस्तु की प्रारम्भिक विमा L पर निर्भर करता होगा अर्थात –

Δl\propto  L

समानुपाती नियतांक(∝) को हटाने पर –

Δl=m \times  L

यहाँ m ही वस्तु की विमा का आवर्धन (Magnification) होगा जो एक नियतांक हैं।

m=\frac{Δl}{L }

“अर्थात वस्तु की विमा में वृद्धि या इजाफा Δl और वस्तु की प्रारम्भिक विमा L के अनुपात को आवर्धन (Magnification) कहते हैं “

दर्पण के लिए आवर्धन की परिभाषा और सूत्र-

गोलीय दर्पण के सामने किसी वस्तु को रखने पर प्रकाश के परावर्तन की घटना के कारण वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता हैं , ध्यान दीजिये यहाँ भी वस्तु के प्रतिबिम्ब की लम्बाई ,गोलीय दर्पण के सामने किसी वस्तु की लम्बाई पर निर्भर करता हैं। अर्थात गोलीय दर्पण के सामने मुख्य अक्ष के लम्बवत नापी गयी प्रतिबिम्ब की लम्बाई (I) तथा वस्तु की लम्बाई (O) का अनुपात आवर्धन कहलाता हैं चुकी यह अनुपात लम्बाई से सम्बंधित हैं इस लिए इसको (Magnification) भी कहते हैं। अतः रेखीय आवर्धन(Magnification) –

m=\frac{I }{O }

चुकी रेखीय आवर्धन लम्बाई का शुद्ध अनुपात है इसलिए रेखीय आवर्धन का कोई मात्रक और विमा नहीं होगा।

दर्पण के रेखीय आवर्धन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बिन्दु

दर्पण के रेखीय आवर्धन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बिन्दु

उत्तल और अवतल दर्पण के लिए रेखीय आवर्धन का सूत्र-

m=\frac{I }{O }=-\frac{v  }{u }
  • v दर्पण के ध्रुव से प्रतिबिम्ब की दुरी
  • u दर्पण के ध्रुव से वस्तु की दुरी

“उत्तल दर्पण के लिए आवर्धन धनात्मक होने के साथ साथ आवर्धन का मान सदैव 1 से कम ही होता हैं। जबकि अवतल दर्पण के लिए आवर्धन ऋणात्मक होने के साथ आवर्धन का मान 1 से ज्यादा ,कम और बराबर होता हैं।

लेन्स का रेखीय आवर्धन

लेन्स का रेखीय आवर्धन
लेन्स का रेखीय आवर्धन

जब किसी वस्तु को लेन्स के सामने रखते है तो प्रकाश के अपवर्तन के घटना से वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता हैं। यहाँ भी प्रतिबिम्ब की लम्बाई ,वस्तु की लम्बाई पर निर्भर करता हैं। अतः लेन्स का रेखीय आवर्धन वस्तु के प्रतिबिम्ब की लम्बाई (I) तथा वस्तु की लम्बाई (0) के अनुपात लो रेखीय आवर्धन कहते हैं। अतः लेन्स का रेखीय आवर्धन –

m=\frac{I }{O }

चुकी यहाँ भी लेन्स का रेखीय आवर्धन लम्बाई का शुद्ध अनुपात है इसलिए लेन्स के रेखीय आवर्धन का कोई मात्रक और विमा नहीं होगा

लेन्स के रेखीय आवर्धन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बिन्दु

लेन्स के रेखीय आवर्धन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बिन्दु

उत्तल और अवतल लेन्स के लिए आवर्धन का सूत्र

m=\frac{I }{O }=\frac{v  }{u }
  • v लेन्स के प्रकाशिक केंद से प्रतिबिम्ब की दुरी
  • u लेन्स के प्रकाशिक केंद से वस्तु की दुरी

लेन्स का रेखीय आवर्धन (m) का मान f ,v और u के पदों में

पतले लेन्स के सूत्र से –

\frac {1}{v } -\frac {1}{u  }=\frac {1}{f }

दोनों पक्षों में v से गुणा करने पर –

v \times (\frac {1}{v } -\frac {1}{u  })=\frac {1}{f }\times v 

सरल करने पर –

1  -\frac {v }{u  }=\frac {v }{f }

जबकि v/u =m ,अतः –

1  -m =\frac {v }{f }

अतः रेखीय आवर्धन (m)-

m =\frac {f -v }{f }

इसकी प्रकार दोनों पक्षों में u से गुणा करने और सरल करने पर –

m =\frac {f  }{f +u }

लेन्स के रेखीय आवर्धन से सम्बन्धित आंकिक प्रश्न –

(1) 2 सेमी की वस्तु को अवतल लेन्स से 12 सेमी की दूरी पर रखा गया है। यदि लेन्स से प्रतिबिम्ब की दूरी 6 सेमी है, तो प्रतिबिम्ब की लम्बाई क्या होगी?

Solution -सबसे पहले प्रश्न के अंदर दिए गए Information को निकालिये –

वस्तु की लम्बाई (0) = 2 सेमी ,लेन्स से वस्तु की दूरी (u) = – 12 सेमी लेन्स से प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = – 6 सेमी।

लेन्स के रेखीय आवर्धन के सूत्र से-

m=\frac{I }{O }=\frac{v  }{u } ~\rightarrow I =O\times \frac{v  }{u }

वस्तु की लम्बाई (0) = 2 सेमी ,लेन्स से वस्तु की दूरी (u) = – 12 सेमी लेन्स से प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = – 6 सेमी का मान रखने पर –

I =2 \times (\frac{-6  }{-12  })=1~ cm 

निकर्ष

दर्पण और लेन्स के लिए आवर्धन का महत्त्व प्रतिबिम्ब की वृद्धि या इजाफा से होता है ,अर्थात दर्पण और लेन्स दोनों के लिए आवर्धन यह बताता है की प्रतिबिम्ब का आकर वस्तु की तुलना में कितना बड़ा या कितना छोटा या बराबर होता हैं । अतः दर्पण और लेन्स दोनों के लिए आवर्धन प्रतिबिम्ब की लम्बाई और वस्तु की लम्बाई के अनुपात के बराबर होता हैं।

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