प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना कब शुरू हुई ? जानिए कितना बजट में शुरू की गयी थी योजना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, पूरे भारत में किसानों की आजीविका को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक क्रांतिकारी योजना है, जिसने अपनी शुरुआत से ही व्यापक ध्यान आकर्षित किया है। इस व्यापक लेख में, हम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना कब शुरू हुई ? इसके महत्व और प्रभाव पर प्रकाश डालते हैं।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना कब शुरू हुई ?

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना आधिकारिक तौर पर 24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई थी, जो देश के कृषि परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षण था। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, यह योजना देश की अर्थव्यवस्था में उनके अमूल्य योगदान को मान्यता देते हुए, किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के मिशन पर शुरू हुई।

इस योजना की घोषणा 1 फ़रवरी, 2019 को पीयूष गोयल ने की थी। योजना के लिए 20 हज़ार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। इस योजना का मकसद छोटे और मझोले किसानों को आर्थिक मदद देना है।

 इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो, आय प्रमाण पत्र, जमीन के दस्तावेज़, और नागरिकता प्रमाण पत्र होना ज़रूरी है। तथा इसके साथ ही, किसानों का ई-केवाईसी होना भी ज़रूरी है।

बजट आवंटन

1 फरवरी, 2019 को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा की गई योजना की घोषणा ने किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता का संकेत दिया। ₹20,000 करोड़ के पर्याप्त बजट आवंटन के साथ, सरकार ने देश भर में छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के अपने संकल्प का प्रदर्शन किया।

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उद्देश्य और प्रभाव

किसानों को सशक्त बनाना

मूल रूप से, प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को बहुत जरूरी वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे उनकी आर्थिक कठिनाइयां कम हो सकें। प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान करके, यह योजना किसानों को अपने कृषि खर्चों को पूरा करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने में सक्षम बनाती है।

समांवेशी विकास

समावेशिता पर योजना का जोर यह सुनिश्चित करता है कि विविध सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले किसानों को इसके प्रावधानों से लाभ मिले। भूमिहीन मजदूरों और किरायेदार किसानों जैसे कृषक समुदाय के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करके, यह पहल समान विकास और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देती है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना

किसानों के हाथों में सीधे धनराशि पहुंचाकर, यह योजना ग्रामीण उपभोग और आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करती है। पूंजी का यह प्रवाह न केवल किसानों की क्रय शक्ति को मजबूत करता है बल्कि वस्तुओं और सेवाओं की मांग को भी बढ़ाता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है और सतत विकास को बढ़ावा मिलता है।

पात्रता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया

आवश्यक दस्तावेज़

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने के लिए, किसानों को आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट आकार की फोटो, आय प्रमाण पत्र, भूमि दस्तावेज और नागरिकता प्रमाण सहित अनिवार्य दस्तावेजों का एक सेट रखना आवश्यक है। ये दस्तावेज़ नामांकन और सत्यापन उद्देश्यों के लिए आवश्यक शर्तों के रूप में काम करते हैं।

ऑनलाइन पंजीकरण

योजना के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुव्यवस्थित किया गया है, जिससे देश भर के किसानों के लिए सुविधा और पहुंच सुनिश्चित की जा सके। आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर किसान फार्मर कॉर्नर और न्यू फार्मर विकल्पों के माध्यम से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। यह उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफ़ेस आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाता है और निर्बाध नामांकन की सुविधा प्रदान करता है।

निष्कर्ष

अंत में, प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना लाखों किसानों के लिए आशा की किरण के रूप में खड़ी है, जो संकट और अनिश्चितता के समय में जीवन रेखा प्रदान करती है। चूँकि सरकार कृषि क्षेत्र के कल्याण को प्राथमिकता दे रही है, इस तरह की पहल पूरे भारत में किसानों के लिए उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है।

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